उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जालौन (Jalaun) जिले में खेल-खेल में 13 साल के बच्चे की जान चली गई. दरअसल सुसाइड प्रैंक में उसका पैर टेबल से खिसक गया, जिसकी वजह से फांसी लग गई. इस घटना के बाद वहां मौजूद उसके छोटे भाई-बहन चिल्लाने लगे. जब उसकी दृष्टिविहीन मां उसे बचाने आई तो कमरे में उसकी लोकेशन ही नहीं खोज पाई. टीओआई के मुताबिक, यह घटना जालौन जिले के उरई की है.
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मृतक बच्चे की मां ने कहा कि अगर भगवान ने मेरी दृष्टि नहीं छीनी होती तो मैं अपने बच्चे को बचा लेती. मेरे सामने उसकी मौत हो गई और मैंक कुछ नहीं कर पाई. उरई की कांशीराम कॉलोनी में अपने घर में बच्चा (13) अपने छोटे भाई-बहन के साथ खेल रहा था. जबकि उसकी मां दूसरे कमरे में सो रही थी और उसके पिता स्थानीय अनाज मार्केट में काम करने गए हुए थे.
पुलिस ने बताया कि सुसाइड प्रैंक करने के लिए वह स्टूल पर चढ़ा और गले में फंदा लगा दिया. इस दौरान स्टूल गिर गया और उसके बाद उसके मुंह से खून निकलने लगा. कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद वहां मौजूद बच्चों ने उसकी मां को जगाया. उसने रस्सी काटने के लिए चाकू जैसी चीज ढूंढ़ने की कोशिश की, लेकिन उसकी दृष्टि जन्म से ही नहीं थी.
इसलिए वह बच्चे की मदद करने में नाकाम रही. बाद में शोर सुनने के बाद पड़ोस के लोग घर आए और उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. उरई पुलिस चौकी के इंचार्ज ने बताया कि जब पति काम पर होते थे, उस दौरान स्कूल से लौटने के बाद बच्चा अकसर घर पर चोर-सिपाही का खेल खेलता था क्योंकि उसकी मां को दिखाई नहीं देता था.